प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो (Prabhuji More Avgun Chit Naa Dharo)
प्रभुजी मोरे/मेरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,
चाहो तो पार करो ।
एक लोहा पूजा मे राखत,
एक घर बधिक परो ।
सो दुविधा पारस नहीं देखत,
कंचन करत खरो ॥
प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो..
प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,
चाहो तो पार करो ।
एक नदिया एक नाल कहावत,
मैलो नीर भरो ।
जब मिलिके दोऊ एक बरन भये,
सुरसरी नाम परो॥
प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो..
प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,
चाहो तो पार करो ।
एक माया एक ब्रह्म कहावत,
सुर श्याम झगरो ।
अब की बेर मुझे पार उतारो,
नही पन जात तरो ॥
प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो..
प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,
चाहो तो पार करो ।
दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ: भजन (Dedo Apni Pujarin Ko Vardan Maa)
श्री गौ अष्टोत्तर नामावलि - गौ माता के 108 नाम (Gau Mata Ke 108 Naam)
राम जपते रहो, काम करते रहो: भजन (Ram Japate Raho, Kam Karte Raho)
मैली चादर ओढ़ के कैसे: भजन (Maili Chadar Odh Ke Kaise)
सब में कोई ना कोई दोष रहा: भजन (Sab Main Koi Na Koi Dosh Raha)
मंत्र: श्री गणेश - वक्रतुण्ड महाकाय (Vakratunda Mahakaya Ganesh Shlok)
संकटा माता व्रत कथा (Sankata Mata Vrat Katha)
भगवान श्री चित्रगुप्त जी की आरती (Bhagwan Shri Chitragupt Aarti)
भजन: आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा। (Aa Maa Aa Tujhe Dil Ne Pukara)
मैं तो अपने मोहन की प्यारी: भजन (Me Too Apne Mohan Ki Pyari, Sajan Mero Girdhari)
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु: भजन (Mann Mohan Murat Teri Prabhu)
श्री युगलाष्टकम् - कृष्ण प्रेममयी राधा (Yugal Ashtakam - Krishna Premayi Radha)