मन की तरंग मार लो... (Man Ki Tarang Mar Lo Bas Ho Gaya Bhajan)

मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।

आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥



आये हो तुम कहाँ से, जाओगे तुम कहाँ।

इतना ही विचार लो, बस हो गया भजन॥



कोई तुम्हे बुरा कहे, तुम सुन कर क्षमा करो।

वाणी का स्वर संभाल लो, बस हो गया भजन॥



नेकी सभी के साथ में बन जाए तो करो।

मत सर बंदी का हर लो, बस हो गया भजन॥



नजरो में तेरी दोष है, दुनिया निहारते।

समता का अंजन ढाल लो, बस हो गया भजन॥



यह महल माडिया ना तेरे साथ जायेगी।

सतगुरु की महिमा जान लो, बस हो गया भजन॥



अनमोल ब्रह्मानंद जो चाहिए सदा।

घट घट में राम निहार लो, बस हो गया भजन॥



मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।

आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 2 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 2)

मेरी अखियों के सामने ही रहना, माँ जगदम्बे: भजन (Meri Akhion Ke Samne Hi Rehna Maa Jagdambe)

श्री शङ्कराचार्य कृतं - अर्धनारीनटेश्वर स्तोत्र॥ (Ardhnarishwar Stotram)

मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे: गुरुवाणी शब्द कीर्तन (Mere Ram Rai Tu Santa Ka Sant Tere)

घुमा दें मोरछड़ी: भजन (Ghuma De Morchadi)

देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी व्रत कथा 2 (Devutthana Ekadashi Vrat Katha 2)

श्री गौ अष्टोत्तर नामावलि - गौ माता के 108 नाम (Gau Mata Ke 108 Naam)

जय सन्तोषी माता: आरती (Jai Santoshi Mata Aarti)

तेरे चरण कमल में श्याम: भजन (Tere Charan Kamal Mein Shyam)

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है! (Gajanand Maharaj Padharo Kirtan Ki Taiyari Hai)

होली भजन: फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद किशोर (Holi Bhajan: Faag Khelan Barasane Aaye Hain Natwar Nand Kishore)

राम रस बरस्यो री, आज म्हारे आंगन में (Ram Ras Barsyo Re, Aaj Mahre Angan Main)