कर प्रणाम तेरे चरणों में: प्रार्थना (Kar Pranam Tere Charno Me: Morning Prarthana)
प्रातःकाल की प्रार्थना
कर प्रणाम तेरे चरणों में लगता हूं अब तेरे काज ।
पालन करने को आज्ञा तब मैं नियुक्त होता हूं आज ॥
अन्तर में स्थित रह मेरी बागडोर पकड़े रहना ।
निपट निरंकुश चंचल मन को सावधान करते रहना ॥
अन्तर्यामी को अन्तः स्थित देख सशंकित होवे मन ।
पाप वासना उठते ही हो, नाश लाज से वह जल भुन ॥
जीवों का कलरव जो दिन भर सुनने में मेरे आवे ।
तेरा ही गुनमान जान मन प्रमुदित हो अति सुख पावे ॥
तू ही है सर्वत्र व्याप्त हरि ! तुझमें यह सारा संसार ।
इसी भावना से अन्तर भर मिलूं सभी से तुझे निहार ॥
प्रतिपल निज इन्द्रिय समूह से जो कुछ भी आचार करूं ।
केवल तुझे रिझाने, को बस तेरा ही व्यवहार करूं ॥
प्रार्थना: तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो (Prayer Tumhi Ho Mata Pita Tumhi Ho )
पत्नीं मनोरमां देहि - सुंदर पत्नी प्राप्ति मंत्र (Patni Manoraman Dehi)
भजन: लेके गौरा जी को साथ भोले-भाले भोले नाथ! (Leke Gaura Ji Ko Sath Bhole Bhale Bhole Nath)
महादेव शंकर हैं जग से निराले: भजन (Mahadev Shankar Hain Jag Se Nirale)
आरती: सीता माता की (Shri Sita Mata Aarti)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)
भजन: उठ जाग मुसाफिर भोर भई (Bhajan: Uth Jag Musafir Bhor Bhai)
गोपी गीत - जयति तेऽधिकं जन्मना (Gopi Geet - Jayati Te Dhikam Janmana)
भजन: दिया थाली बिच जलता है.. (Diya Thali Vich Jalta Hai)
ॐ शंकर शिव भोले उमापति महादेव: भजन (Shankar Shiv Bhole Umapati Mahadev)
पुत्रदा / पवित्रा एकादशी व्रत कथा! (Putrada / Pavitra Ekadashi Vrat Katha)
दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना (Duniya Me Dev Hazaro Hai Bajrangbali Ka Kya Kahna)