भजन: चंदन है इस देश की माटी (Chandan Hai Is Desh Ki Mati)
चंदन है इस देश की माटी,
तपोभूमि हर ग्राम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
हर शरीर मंदिर सा पावन,
हर मानव उपकारी है ।
जहॉं सिंह बन गये खिलौने,
गाय जहॉं मॉं प्यारी है ।
जहॉं सवेरा शंख बजाता,
लोरी गाती शाम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
जहॉं कर्म से भाग्य बदलता,
श्रम निष्ठा कल्याणी है ।
त्याग और तप की गाथाऍं,
गाती कवि की वाणी है ।
ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा,
निर्मल है अविराम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
जिस के सैनिक समरभूमि मे,
गाया करते गीता है ।
जहॉं खेत मे हल के नीचे,
खेला करती सीता है ।
जीवन का आदर्श जहॉं पर,
परमेश्वर का धाम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
चंदन है इस देश की माटी,
तपोभूमि हर ग्राम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा,
बच्चा बच्चा राम है ॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी: आरती (Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri)
भजन: गाइये गणपति जगवंदन (Gaiye Ganpati Jagvandan)
भजन: उठ जाग मुसाफिर भोर भई (Bhajan: Uth Jag Musafir Bhor Bhai)
भजन: ऐसो चटक मटक सो ठाकुर.. (Aiso Chatak Matak So Thakur)
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो: शिव भजन (Mere Bhole Baba Ko Anadi Mat Samjho)
हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ: भजन (Akhiya Hari Darshan Ki Pyasi)
तन के तम्बूरे में, दो सांसो की तार बोले! (Tan Ke Tambure Me Do Sanso Ki Tar Bole)
गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है! (Gajanand Maharaj Padharo Kirtan Ki Taiyari Hai)
भजन: पूछ रही राधा बताओ गिरधारी (Pooch Rahi Radha Batao Girdhari)
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं: भजन (Achyutam Keshavam Krishna Damodaram)
अपरा / अचला एकादशी व्रत कथा (Apara / Achala Ekadashi Vrat Katha)
भजन: मन तड़पत हरि दर्शन को आज (Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)