भजन: उठ जाग मुसाफिर भोर भई (Bhajan: Uth Jag Musafir Bhor Bhai)
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है।
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जागत है सोई पावत है॥
उठ नींद से अखियाँ खोल जरा,
और अपने प्रभु में ध्यान लगा।
यह प्रीत करन की रीत नहीं,
प्रभु जागत है तू सोवत है॥
॥ उठ जाग मुसाफिर भोर भई...॥
जो कल करना सो आज कर ले,
जो आज करे सो अब कर ले।
जब चिड़िया ने चुग खेत लिया,
फिर पछताए क्या होवत है॥
॥ उठ जाग मुसाफिर भोर भई...॥
नादान भुगत अपनी करनी,
ऐ पापी पाप में चैन कहाँ।
जब पाप की गठड़ी शीश धरी,
अब शीश पकड़ क्यूँ रोवत है॥
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है।
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जगत है सोई पावत है॥
सदाशिव सर्व वरदाता, दिगम्बर हो तो ऐसा हो - भजन (Sada Shiv Sarva Var Data Digamber Ho To Aisa Ho)
भजन: मन तड़पत हरि दर्शन को आज (Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)
गणगौर व्रत कथा (Gangaur Vrat Katha)
आदित्य-हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra)
भजन: मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे (Meri Jholi Chhoti Padgayi Re Itna Diya Meri Mata)
मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे: भजन (Mere Ladle Ganesh Pyare Pyare Bhajan)
नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा: भजन (Nakoda Ke Bhairav Tumko Aana Hoga)
गोपेश्वर महादेव की लीला (Gopeshwar Mahadev Leela Katha)
भजन: हरि जी! मेरी लागी लगन मत तोडना.. (Hari Ji Meri Lagi Lagan Mat Todna)
पापमोचनी एकादशी व्रत कथा (Papmochani Ekadashi Vrat Katha)
शंकर शिव शम्भु साधु सन्तन सुखकारी: भजन (Shankar Shiv Shambhu Sadhu Santan Sukhkari)
दीप प्रज्वलन मंत्र: शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् (Deep Prajwalan Mantra: Shubham Karoti Kalyanam Aarogyam)