भजन: बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया (Brindavan Ka Krishan Kanhaiya Sabki Aankhon Ka Tara)
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखों का तारा
मन ही मन क्यों जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
॥ बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया..॥
जमना तट पर नन्द का लाला
जब जब रास रचाये रे
तन मन डोले कान्हा ऐसी
बंसी मधुर बजाये रे
सुध-बुध भूली खड़ी गोपियाँ
जाने कैसा जादू डारा
॥ बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया..॥
रंग सलोना ऐसा जैसे
छाई हो घट सावन की
ऐ री मैं तो हुई दीवानी
मनमोहन मन भावन की
तेरे कारण देख बाँवरे
छोड़ दिया मैं ने जग सारा
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखों का तारा
मन ही मन क्यों जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
कर प्रणाम तेरे चरणों में: प्रार्थना (Kar Pranam Tere Charno Me: Morning Prarthana)
पत्नीं मनोरमां देहि - सुंदर पत्नी प्राप्ति मंत्र (Patni Manoraman Dehi)
जानकी नाथ सहाय करें.. (Janaki Nath Sahay Kare)
कीर्तन रचो है म्हारे आंगने - भजन (Kirtan Racho Hai Mhare Angane)
संकट के साथी को हनुमान कहते हैं: भजन (Sankat Ke Sathi Ko Hanuman Kahate Hain)
बड़ा प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी: भजन (Pyara Saja Hai Tera Dwar Bhawani)
श्रील प्रभुपाद प्रणति (Srila Prabhupada Pranati)
गुरु भजन: दर्शन देता जाइजो जी.. (Darshan Deta Jaijo Ji Satguru Milata Jaiyo Ji)
सोमवती अमावस्या व्रत कथा (Somvati Amavasya Vrat Katha)
चित्रगुप्त की कथा - यम द्वितीया (Chitragupt Ji Ki Katha - Yam Dwitiya)
भगवन लौट अयोध्या आए.. (Bhagwan Laut Ayodhya Aaye)
श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)