राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया: भजन (Raghav Ji Tumhe Aisa Kisne Banaya)
ऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।
पर नारी पर दृष्टि न ड़ाली,
ऐसी तुम्हरी प्रकृति निराली,
तुम्हें वाल्मीकि तुलसी ने गाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।
ऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।
अवगुन देख के क्रोध न आता,
भक्तों को देख के प्रेम न समाता,
धन्य कोसलाजू जिसने तुम्हें जाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।
ऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।
अपने किये का अभिमान न तुमको,
निज जन का सनमान है तुमको,
तुम्हें
रामभद्राचार्य
अति भाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।
ऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।
राम जपते रहो, काम करते रहो: भजन (Ram Japate Raho, Kam Karte Raho)
भजन: कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)
बधाई भजन: बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे (Badhai Bhajan Baje Kundalpur Me Badayi Nagri Me Veer Janme)
करवा चौथ व्रत कथा: द्रौपदी को श्री कृष्ण ने सुनाई कथा! (Karwa Chauth Vrat Katha)
गुरु बिन घोर अँधेरा संतो: भजन (Guru Bina Ghor Andhera Re Santo)
परमा एकादशी व्रत कथा (Parama Ekadashi Vrat Katha)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 28 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 28)
जन्माष्टमी भजन: ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी (Dhank Lai Yashoda Najar Lag Jayegi)
चक्रवर्ती राजा दिलीप की गौ-भक्ति कथा (Chakravarthi Raja Dileep Ki Gau Bhakti Katha)
नाम त्रय अस्त्र मन्त्र (Nama Traya Astra Mantra)
गणगौर व्रत कथा (Gangaur Vrat Katha)
ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)