श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)

गणेश उत्सव
मे सर्वमान्य श्री गणेश आरती का अपना अलग ही महत्व है:



जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥




एक दंत दयावंत,


चार भुजा धारी ।


माथे सिंदूर सोहे,


मूसे की सवारी ॥



जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥




पान चढ़े फल चढ़े,


और चढ़े मेवा ।


लड्डुअन का भोग लगे,


संत करें सेवा ॥



जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥




अंधन को आंख देत,


कोढ़िन को काया ।


बांझन को पुत्र देत,


निर्धन को माया ॥



जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥




'सूर' श्याम शरण आए,


सफल कीजे सेवा ।


माता जाकी पार्वती,


पिता महादेवा ॥



जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥



----- Additional -----


दीनन की लाज रखो,


शंभु सुतकारी ।


कामना को पूर्ण करो,


जाऊं बलिहारी ॥



जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥