सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई: भजन (Sukh Ke Sab Saathi, Duhkh Mein Na Koi)

सुख के सब साथी,

दुःख में ना कोई ।

मेरे राम, मेरे राम..

तेरा नाम एक साँचा,

दूजा ना कोई ॥



जीवन आनी जानी छाया,

झूठी माया, झूठी काया ।

फिर काहे को सारी उमरियाँ,

पाप की गठड़ी ढोई ॥



सुख के सब साथी,

दुःख में ना कोई ।

मेरे राम, मेरे राम..

तेरा नाम एक साँचा,

दूजा ना कोई ॥



ना कुछ तेरा, ना कुछ मेरा,

ये जग जोगीवाला फेरा ।

राजा हो या रंक सभी का,

अंत एक सा होई ॥



सुख के सब साथी,

दुःख में ना कोई ।

मेरे राम, मेरे राम..

तेरा नाम एक साँचा,

दूजा ना कोई ॥



बाहर की तू माटी फाँके,

मन के भीतर क्यों ना झाँके ।

उजले तन पर मान किया,

और मन की मैल ना धोई ॥



सुख के सब साथी,

दुःख में ना कोई ।

मेरे राम, मेरे राम..

तेरा नाम एक साँचा,

दूजा ना कोई ॥