क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी: भजन (Kshama Karo Tum Mere Prabhuji)
क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग
॥ क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी...॥
तुम तो प्रभुजी मानसरोवर,
अमृत जल से भरे हुए
पारस तुम हो, इक लोहा मै,
कंचन होवे जो ही छुवे
तज के जग की सारी माया,
तुमसे कर लू मै अनुराग
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग
॥ क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी...॥
काम क्रोध में फंसा रहा मन,
सच्ची डगर नहीं जानी
लोभ मोह मद में रहकर प्रभु,
कर डाली मनमानी
मनमानी में दिशा गलत लें,
पंहुचा वहां जहाँ है आग
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग
॥ क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी...॥
इस सुन्दर तन की रचना कर,
तुमने जो उपकार किया
हमने उस सुन्दर तन पर प्रभु,
अपराधो का भार दिया
नारायण अब शरण तुम्हारे,
तुमसे प्रीत होये निज राग
क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध
धो डालो तन की चादर को,
लगे है उसमे जो भी दाग
॥ क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी...॥
श्री कृष्णाष्टकम् - आदि शंकराचार्य (Krishnashtakam By Adi Shankaracharya)
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं: भजन (Kabhi Pyase Ko Pani Pilaya Nahi)
भजन: सांवरे को दिल में बसा के तो देखो! (Bhajan: Sanware Ko Dil Me Basa Kar To Dekho)
गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय (Govind Jai Jai, Gopal Jai Jai)
कमल नेत्र स्तोत्रम् (Kamal Netra Stotram)
त्रिमूर्तिधाम: श्री हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti Trimurtidham)
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ: भजन (Main Pardesi Hun Pehli Bar Aaya Hun)
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी: होली भजन (Holi Khelat Aaj Jugal Jodi)
अभयदान दीजै दयालु प्रभु (Abhaydan Deejai Dayalu Prabhu Shiv Aarti)
जन्माष्टमी भजन: ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी (Dhank Lai Yashoda Najar Lag Jayegi)
भजन: दिया थाली बिच जलता है.. (Diya Thali Vich Jalta Hai)
राम जपते रहो, काम करते रहो: भजन (Ram Japate Raho, Kam Karte Raho)