श्री बालाजी आरती, ॐ जय हनुमत वीरा (Shri Balaji Ki Aarti, Om Jai Hanumat Veera)

श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाली आरती है



ॐ जय हनुमत वीरा,

स्वामी जय हनुमत वीरा ।

संकट मोचन स्वामी,

तुम हो रनधीरा ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥



पवन पुत्र अंजनी सूत,

महिमा अति भारी ।

दुःख दरिद्र मिटाओ,

संकट सब हारी ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥



बाल समय में तुमने,

रवि को भक्ष लियो ।

देवन स्तुति किन्ही,

तुरतहिं छोड़ दियो ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥



कपि सुग्रीव राम संग,

मैत्री करवाई।

अभिमानी बलि मेटयो,

कीर्ति रही छाई ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥



जारि लंक सिय-सुधि ले आए,

वानर हर्षाये ।

कारज कठिन सुधारे,

रघुबर मन भाये ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥



शक्ति लगी लक्ष्मण को,

भारी सोच भयो ।

लाय संजीवन बूटी,

दुःख सब दूर कियो ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥



रामहि ले अहिरावण,

जब पाताल गयो ।

ताहि मारी प्रभु लाय,

जय जयकार भयो ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥



राजत मेहंदीपुर में,

दर्शन सुखकारी ।

मंगल और शनिश्चर,

मेला है जारी ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥



श्री बालाजी की आरती,

जो कोई नर गावे ।

कहत इन्द्र हर्षित,

मनवांछित फल पावे ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥