शिव पूजा में मन लीन रहे मेरा: भजन (Shiv Puja Mai Mann Leen Rahe Mera)
शिव पूजा में मन लीन रहे,
मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा ।
मिट जाए जन्मों की तृष्णा,
मिले भोले शंकर प्यार तेरा ।
तुझ में खोकर जीना है मुझे,
मैं बूंद हूँ तू एक सागर है । ..x2
तुझ बिन जीवन का अर्थ है क्या,
मैं तारा हूँ तू अम्बर है ।
तूने मुझ को स्वीकार किया,
क्या कम है यह उपकार तेरा।
॥ शिव पूजा में मन लीन रहे...॥
यूं मुझको तेरा प्यार मिला,
बेजान को जैसे जान मिली । ..x2
जिस दिन से तुझको जाना है,
मुझको अपनी पहचान मिली ।
दे दी तूने चरणों में जगह,
आभारी हूं सौ बार तेरा ।
॥ शिव पूजा में मन लीन रहे...॥
शिव पूजा में मन लीन रहे,
मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा,
मिट जाए जन्मों की तृष्णा,
मिले भोले शंकर प्यार तेरा ।
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 21)
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई: भजन (Sukh Ke Sab Saathi, Duhkh Mein Na Koi)
भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Bhadrapad Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
विद्यां ददाति विनयं! (Vidya Dadati Vinayam)
छोटी सी किशोरी मोरे अंगना मे डोले रे (Chhoti Si Kishori More Angana Me Dole Re)
भजन: ओ सांवरे हमको तेरा सहारा है (O Sanware Humko Tera Sahara Hai)
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ: भजन (Main Pardesi Hun Pehli Bar Aaya Hun)
मुझे अपनी शरण में ले लो राम: भजन (Mujhe Apni Sharan Me Lelo Ram)
जैसे तुम सीता के राम: भजन (Jaise Tum Sita Ke Ram)
गणगौर व्रत कथा (Gangaur Vrat Katha)
श्री शङ्कराचार्य कृतं - वेदसारशिवस्तोत्रम् (Vedsara Shiv Stotram)
जो भजे हरि को सदा: भजन (Jo Bhaje Hari Ko Sada So Hi Param Pada Pavega)