मैली चादर ओढ़ के कैसे: भजन (Maili Chadar Odh Ke Kaise)
मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ,
हे पावन परमेश्वर मेरे,
मन ही मन शरमाऊँ ।
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥
तूने मुझको जग में भेजा,
निर्मल देकर काया,
आकर के संसार में मैंने,
इसको दाग लगाया ।
जनम जनम की मैली चादर,
कैसे दाग छुड़ाऊं,
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥
निर्मल वाणी पाकर तुझसे,
नाम ना तेरा गाया,
नैन मूँदकर हे परमेश्वर,
कभी ना तुझको ध्याया ।
मन-वीणा की तारे टूटी,
अब क्या राग सुनाऊँ,
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥
इन पैरों से चलकर तेरे,
मंदिर कभी ना आया,
जहाँ जहाँ हो पूजा तेरी,
कभी ना शीश झुकाया ।
हे हरिहर मई हार के आया,
अब क्या हार चढाउँ,
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥
तू है अपरम्पार दयालु,
सारा जगत संभाले,
जैसा भी हूँ मैं हूँ तेरा,
अपनी शरण लगाले ।
छोड़ के तेरा द्वारा दाता,
और कहीं नहीं जाऊं
मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ,
हे पावन परमेश्वर मेरे,
मन ही मन शरमाऊँ ।
अन्नपूर्णा स्तोत्रम् - नित्यानन्दकरी वराभयकरी (Annapoorna Stotram - Nitya-nanda Karee Vara Abhaya Karee)
जगदीश ज्ञान दाता: प्रार्थना (Jagadish Gyan Data: Prarthana)
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोबिंद, गुरु मेरा पारब्रह्म: भजन (Guru Meri Puja Guru Mera Parbrahma)
सौराष्ट्रे सोमनाथं - द्वादश ज्योतिर्लिंग: मंत्र (Saurashtre Somanathan - Dwadas Jyotirlingani)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)
आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको: भजन (Aali Ri Mohe Lage Vrindavan Neeko)
शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा (Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara)
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि (Mahishasura Mardini Stotram - Aigiri Nandini)
सबसे ऊंची प्रेम सगाई: भजन (Bhajan: Sabse Unchi Prem Sagai)
जय जय सुरनायक जन सुखदायक: भजन (Jai Jai Surnayak Jan Sukhdayak Prantpal Bhagvant)
श्रीदेवीजी की आरती - जगजननी जय! जय! (Shri Deviji Ki Aarti - Jaijanani Jai Jai)
बाबा गोरखनाथ जी की आरती (Baba Goraknath Ji ki Aarti)