सब में कोई ना कोई दोष रहा: भजन (Sab Main Koi Na Koi Dosh Raha)
सब में कोई ना कोई दोष रहा ।
एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥
सब में कोई ना कोई दोष रहा ।
एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥
वेद शास्त्र का महापंडित ज्ञानी,
रावण था पर था अभिमानी,
शिव का भक्त भी सिया चुरा कर,
कर बैठा ऐसी नादानी,
राम से हरदम रोष रहा ।
सब में कोई ना कोई दोष रहा ।
एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥
युधिष्टर धर्मपुत्र बलकारी,
उसमें ऐब जुए का भारी,
भरी सभा में द्रोपदी की भी,
चीखें सुनकर धर्म पुजारी,
बेबस और खामोश रहा ।
सब में कोई ना कोई दोष रहा ।
एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥
विश्वामित्र ने तब की कमाई,
मेनका अप्सरा पर थी लुटाई,
दुर्वासा थे महा ऋषि पर,
उनमें भी थी एक बुराई,
हरदम क्रोध व जोश रहा ।
सब में कोई ना कोई दोष रहा ।
एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥
सारा जग ही मृगतृष्णा है,
कौन यहां पर दोष बिना है,
नत्था सिंह में दोष हजारों,
जिसने सब का दोष गिना है,
फिर यह कहा निर्दोष रहा ।
सब में कोई ना कोई दोष रहा ।
एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥
राम कहानी सुनो रे राम कहानी: भजन (Ram Kahani Suno Re Ram Kanahi)
कमल नेत्र स्तोत्रम् (Kamal Netra Stotram)
राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली। (Ram Nam Ke Heere Moti Main Bikhraun Gali Gali)
भजन: हरि जी! मेरी लागी लगन मत तोडना.. (Hari Ji Meri Lagi Lagan Mat Todna)
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम: भजन (Batao Kahan Milega Shyam)
श्री महासरस्वती सहस्रनाम स्तोत्रम्! (Maha Sarasvati Sahastra Stotram)
मंत्र: शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram)
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु: भजन (Mann Mohan Murat Teri Prabhu)
अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं। (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)
भजन: बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए (Beta Jo Bulaye Maa Ko Aana Chahiye)
आरती: श्री रामायण जी (Shri Ramayan Ji)
भजन: मैं तो संग जाऊं बनवास, स्वामी.. (Bhajan: Main Too Sang Jaun Banwas)