पकड़ लो बाँह रघुराई, नहीं तो डूब जाएँगे: भजन (Pakadlo Bah Raghurai, Nahi Too Doob Jayenge)
पकड़ लो बाँह रघुराई,
नहीं तो डूब जाएँगे ।
डगर ये अगम अनजानी,
पथिक मै मूड अज्ञानी ।
संभालोगे नही राघव,
तो कांटे चुभ जाएँगे ।
पकड़ लो बाँह रघुराई,
नहीं तो डूब जाएँगे ।
नहीं बोहित मेरा नौका,
नहीं तैराक मै पक्का ।
कृपा का सेतु बंधन हो,
प्रभु हम खूब आएँगे ।
पकड़ लो बाँह रघुराई,
नहीं तो डूब जाएँगे ।
नहीं है बुधि विधा बल,
माया में डूबी मती चंचल ।
निहारेंगे मेरे अवगुण तो,
प्रभु जी ऊब जाएँगे ।
पकड़ लो बाँह रघुराई,
नहीं तो डूब जाएँगे ।
प्रतीक्षारत है ये आँगन,
शरण ले लो सिया साजन ।
शिकारी चल जिधर प्रहलाद,
जी भूल जाएँगे ।
पकड़ लो बाँह रघुराई,
नहीं तो डूब जाएँगे ।
नहीं तो डूब जाएँगे,
नहीं तो डूब जाएँगे ।
राधिके ले चल परली पार - भजन (Radhike Le Chal Parli Paar)
श्री शङ्कराचार्य कृतं - अच्युतस्याष्टकम् (Achyutashtakam Acyutam Keshavam Ramanarayanam)
आरती: ॐ जय महावीर प्रभु (Om Jai Mahaveer Prabhu)
श्री राम रक्षा स्तोत्रम् (Shri Ram Raksha Stotram)
नमामि श्री गणराज दयाल! (Namami Shri Ganraj Dayal)
जन्माष्टमी भजन: नन्द के आनंद भयो (Nand Ke Anand Bhayo)
श्री चित्रगुप्त जी की आरती - श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti - Shri Viranchi Kulbhusan)
भजन: दुनिया बनाने वाले महिमा तेरी निराली। (Bhajan: Duniya Banane Wale Mahima Teri Nirali)
शंकर मेरा प्यारा.. माँ री माँ मुझे मूरत ला दे (Shankar Mera Pyara.. Maa Ri Maa Mujhe Murat La De)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 3 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 3)
श्री गोवर्धन महाराज आरती (Shri Govardhan Maharaj)
अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना: भजन (Ayodhya Nath Se Jakar Pawansut Hal Kah Dena )