नृसिंह आरती ISKCON (Narasimha Aarti ISKCON)
नमस्ते नरसिंहाय
प्रह्लादाह्लाद-दायिने
हिरण्यकशिपोर्वक्षः-
शिला-टङ्क-नखालये
इतो नृसिंहः परतो नृसिंहो
यतो यतो यामि ततो नृसिंहः
बहिर्नृसिंहो हृदये नृसिंहो
नृसिंहमादिं शरणं प्रपद्ये
तव करकमलवरे नखमद्भुत-शृङ्गं
दलितहिरण्यकशिपुतनुभृङ्गम्
केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे ।
* नृसिंह आरती की अंतिम तीन पंक्तियाँ
श्री दशावतार स्तोत्र
से उद्धृत की गईं हैं।
श्री लक्ष्मी के 108 नाम - श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः (108 Mata Lakshmi Names)
मैं तो बांके की बांकी बन गई (Main Toh Banke Ki Banki Ban Gayi)
अयमात्मा ब्रह्म महावाक्य (Ayamatma Brahma)
गौरी के नंदा गजानन, गौरी के नन्दा: भजन (Gauri Ke Nanda Gajanand Gauri Ke Nanda)
जगमग जगमग जोत जली है, आरती श्री राम जी (Jagmag Jyot Jali Hai Shri Ram Aarti)
प्रभु! स्वीकारो मेरे परनाम (Prabhu Sweekaro Mere Paranam)
मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान! (Milta Hai Sachha Sukh Keval Bhagwan Tere Charno Me)
भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Bhadrapad Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि। (Gananaykay Gandevatay Ganadhyakshay Dheemahi)
भजन: पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। (Bhajan: Piyo Ji Maine Ram Ratan Dhan Payo)
बनवारी रे! जीने का सहारा तेरा नाम रे: भजन (Banwari Re Jeene Ka Sahara Tera Naam Re)
सफला एकादशी व्रत कथा (Saphala Ekadashi Vrat Katha)