मेरी अखियों के सामने ही रहना, माँ जगदम्बे: भजन (Meri Akhion Ke Samne Hi Rehna Maa Jagdambe)
नवदुर्गा, दुर्गा पूजा, नवरात्रि, नवरात्रे, नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, जगराता, शुक्रवार दुर्गा तथा अष्टमी के शुभ अवसर पर गाये जाने वाला प्रसिद्ध व लोकप्रिय भजन।
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
माँ शेरों वाली जगदम्बे।
॥ मेरी अखियों के सामने...॥
हम तो चाकर मैया तेरे दरबार के,
भूखे हैं हम तो मैया बस तेरे प्यार के॥
॥ मेरी अखियों के सामने...॥
विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ,
चरणों से हमको कभी करना ना दूर माँ॥
॥ मेरी अखियों के सामने...॥
मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना,
शेरों वाली जगदम्बे आँचल में मुझे छिपा लेना॥
॥ मेरी अखियों के सामने...॥
तुम हो शिव जी की शक्ति मैया शेरों वाली,
तुम हो दुर्गा हो अम्बे मैया तुम हो काली॥
बन के अमृत की धार सदा बहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
॥ मेरी अखियों के सामने...॥
तेरे बालक को कभी माँ सबर आए,
जहाँ देखूं माँ तू ही तू नज़र आये॥
मुझे इसके सीवे कुछ ना कहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
॥ मेरी अखियों के सामने...॥
देदो शर्मा को भक्ति का दान मैया जी,
लक्खा गाता रहे तेरा गुणगान मैया जी॥
है भजन तेरा भक्तो का गहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे॥
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
माँ शेरों वाली जगदम्बे।
॥ मेरी अखियों के सामने...॥
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