दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार: भजन (Duniya Se Jab Main Hara Too Aaya Tere Dwar)

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,

यहाँ पे भी जो हारा,

कहाँ जाऊंगा सरकार ॥



सुख में कभी ना तेरी याद है आई,

दुःख में सांवरिया तुमसे प्रीत लगाई,

सारा दोष है मेरा में करता हूँ स्वीकार,

यहाँ पे भी जो हारा,

कहाँ जाऊंगा सरकार ॥



मेरा तो क्या है में तो पहले से हारा,

तुमसे ही पूछेगा ये संसार सारा,

डूब गई क्यों नैया तेरे रहते खेवनहार,

यहाँ पे भी जो हारा,

कहाँ जाऊंगा सरकार ॥



सब कुछ गवाया बस लाज बची है,

तुझपे कन्हैया मेरी आस टिकी है,

सुना है तुम सुनते हो हम जेसो की पुकार,

यहाँ पे भी जो हारा,

कहाँ जाऊंगा सरकार ॥



जिनको सुनाया सोनू अपना फ़साना,

सबने बताया मुझे तेरा ठिकाना,

सब कुछ छोड़ के आखिर आया तेरे दरबार,

यहाँ पे भी जो हारा,

कहाँ जाऊंगा सरकार ॥