आरती: माँ सरस्वती जी (Maa Saraswati Ji)
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे॥
॥ जय सरस्वती माता...॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
सर को झुकालो, शेरावाली को मानलो - भजन (Sar Ko Jhukalo Sherawali Ko Manalo)
जो शिव को ध्याते है, शिव उनके है: भजन (Jo Shiv Ko Dhyate Hain Shiv Unke Hain)
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं। (Hum Ram Ji Ke Ram Ji Hamare Hain)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12)
भजन: पूछ रही राधा बताओ गिरधारी (Pooch Rahi Radha Batao Girdhari)
गणगौर व्रत कथा (Gangaur Vrat Katha)
जिसको जीवन में मिला सत्संग है (Jisko jivan Main Mila Satsang Hai)
भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए! (Bhabhuti Ramaye Baba Bholenath Aaye)
फंसी भंवर में थी मेरी नैया - श्री श्याम भजन (Fansi Bhanwar Me Thi Meri Naiya)
श्री विश्वकर्मा आरती- जय श्री विश्वकर्मा प्रभु (Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 13 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 13)
तत्त्वमसि महावाक्य (Tatwamasi)