सौराष्ट्रे सोमनाथं - द्वादश ज्योतिर्लिंग: मंत्र (Saurashtre Somanathan - Dwadas Jyotirlingani)
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् ।
उज्जयिन्यां महाकालम्ॐकारममलेश्वरम् ॥१॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम् ।
सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने
॥२॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमीतटे ।
हिमालये तु केदारम् घुश्मेशं च शिवालये ॥३॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः ।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति
॥४॥
भजन: ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम (Aisi Suwah Na Aye Aye Na Aisi Sham)
आरती: श्री गंगा मैया जी (Shri Ganga Maiya Ji)
अजा एकादशी व्रत कथा! (Aja Ekadashi Vrat Katha)
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की (Kunj Bihari Shri Girdhar Krishna Murari)
संकट के साथी को हनुमान कहते हैं: भजन (Sankat Ke Sathi Ko Hanuman Kahate Hain)
जो भजे हरि को सदा: भजन (Jo Bhaje Hari Ko Sada So Hi Param Pada Pavega)
जय राधा माधव, जय कुन्ज बिहारी: भजन (Jai Radha Madhav, Jai Kunj Bihari)
विसर नाही दातार अपना नाम देहो: शब्द कीर्तन (Visar Nahi Datar Apna Naam Deho)
छोटी-छोटी कन्याएं: भजन (Maa Choti Choti Kanyaen)
शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा (Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara)
श्री हनुमान जी आरती (Shri Hanuman Ji Ki Aarti)
शंकर मेरा प्यारा.. माँ री माँ मुझे मूरत ला दे (Shankar Mera Pyara.. Maa Ri Maa Mujhe Murat La De)