माँ अन्नपूर्णा की आरती (Maa Annapurna Ji Ki Aarti)

बारम्बार प्रणाम,

मैया बारम्बार प्रणाम ।



जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,

कहां उसे विश्राम ।

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,

लेत होत सब काम ॥



बारम्बार प्रणाम,

मैया बारम्बार प्रणाम ।



प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,

कालान्तर तक नाम ।

सुर सुरों की रचना करती,

कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥



बारम्बार प्रणाम,

मैया बारम्बार प्रणाम ।



चूमहि चरण चतुर चतुरानन,

चारु चक्रधर श्याम ।

चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर,

शोभा लखहि ललाम ॥



बारम्बार प्रणाम,

मैया बारम्बार प्रणाम



देवि देव! दयनीय दशा में,

दया-दया तब नाम ।

त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,

शरण रूप तब धाम ॥



बारम्बार प्रणाम,

मैया बारम्बार प्रणाम ।



श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री ऐ विद्या,

श्री क्लीं कमला काम ।

कांति, भ्रांतिमयी, कांति शांतिमयी,

वर दे तू निष्काम ॥



बारम्बार प्रणाम,

मैया बारम्बार प्रणाम ।



॥ माता अन्नपूर्णा की जय ॥