जानकी स्तुति - भइ प्रगट किशोरी (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kishori)
भइ प्रगट किशोरी,
धरनि निहोरी,
जनक नृपति सुखकारी ।
अनुपम बपुधारी,
रूप सँवारी,
आदि शक्ति सुकुमारी ।
मनि कनक सिंघासन,
कृतवर आसन,
शशि शत शत उजियारी ।
शिर मुकुट बिराजे,
भूषन साजे,
नृप लखि भये सुखारी ।
सखि आठ सयानी,
मन हुलसानी,
सेवहिं शील सुहाई ।
नरपति बड़भागी,
अति अनुरागी,
अस्तुति कर मन लाई ।
जय जय जय सीते,
श्रुतिगन गीते,
जेहिं शिव शारद गाई ।
सो मम हित करनी,
भवभय हरनी,
प्रगट भईं श्री आई ।
नित रघुवर माया,
भुवन निकाया,
रचइ जासु रुख पाई ।
सोइ अगजग माता,
निज जनत्राता,
प्रगटी मम ढिग आई ।
कन्या तनु लीजै,
अतिसुख दीजै,
रुचिर रूप सुखदाई ।
शिशु लीला करिये,
रुचि अनुसरिये,
मोरि सुता हरषाई ।
सुनि भूपति बानी,
मन मुसुकानी,
बनी सुता शिशु सीता ।
तब रोदन ठानी,
सुनि हरषानी,
रानी परम बिनीता ।
लिये गोद सुनैना,
जल भरि नैना,
नाचत गावत गीता ।
यह सुजस जे गावहिं,
श्रीपद पावहिं,
ते न होहिं भव भीता ।
दोहा:
रामचन्द्र सुख करन हित,
प्रगटि मख महि सीय ।
"गिरिधर" स्वामिनि जग जननि,
चरित करत कमनीय । ।
जनकपुर जनकलली जी की जय
अयोध्या रामजी लला की जय
- गिरिधर
मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे: भजन (Mere Ram Mere Ghar Ayenge Ayenge Prabhu Ayenge)
भजन: जिसने मरना सीखा लिया है (Jisane Marana Seekh Liya Hai)
माँ तुलसी अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (Tulsi Ashtottara Shatnam Namavali)
माँ रेवा: थारो पानी निर्मल (Maa Rewa: Tharo Pani Nirmal)
भजन: बाल गोपाला, प्यारे मुरारी मोरे नन्द लाला! (Bhajan: Baal Gopala Pyare Murari More Nandlala)
जागो वंशीवारे ललना, जागो मोरे प्यारे: भजन (Jago Bansivare Lalna Jago More Pyare)
शरण में आये हैं हम तुम्हारी: भजन (Sharan Mein Aaye Hain Hum Tumhari)
जगन्नाथ भगवान जी का भजन (Jagannath Bhagwan Ji Ka Bhajan)
बजरंगबली मेरी नाव चली: भजन (Bajarangabali Meri Nav Chali)
भगवन लौट अयोध्या आए.. (Bhagwan Laut Ayodhya Aaye)
आरती: श्री पार्वती माँ (Shri Parvati Maa)
भजन: घर आये राम लखन और सीता (Ghar Aaye Ram Lakhan Aur Sita)