जानकी नाथ सहाय करें.. (Janaki Nath Sahay Kare)
जानकी नाथ सहाय करें
जानकी नाथ सहाय करें,
जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो
सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो
राहु केतु की नाहिं गम्यता,
संग शनीचर होत हुचेरो
जानकी नाथ सहाय करें..
दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी,
चीर उतार कुमंतर प्रेरो
ताकी सहाय करी करुणानिधि,
बढ़ गये चीर के भार घनेरो
जानकी नाथ सहाय करें..
जाकी सहाय करी करुणानिधि,
ताके जगत में भाग बढ़े रो
रघुवंशी संतन सुखदाय,
तुलसीदास चरनन को चेरो
जब जानकी नाथ सहाय करें,
जब जानकी नाथ सहाय करे,
तब कौन बिगाड़ करे नर तेरो
जन्माष्टमी भजन: बड़ा नटखट है रे, कृष्ण कन्हैया! (Bada Natkhat Hai Re Krishn Kanhaiya)
भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण से छूटे भगवान चित्रगुप्त (Ram Ke Rajtilak Me Nimantran Se Chhute Bhagwan Chitragupt)
श्री चित्रगुप्त जी की आरती - श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti - Shri Viranchi Kulbhusan)
भजन: ऐसो चटक मटक सो ठाकुर.. (Aiso Chatak Matak So Thakur)
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - माँ काली भजन (Mangal Ki Sewa Sun Meri Deva)
श्री खाटू श्याम जी आरती (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti)
आरती: श्री बाल कृष्ण जी (Aarti: Shri Bal Krishna Ki Keejen)
भजन: उठ जाग मुसाफिर भोर भई (Bhajan: Uth Jag Musafir Bhor Bhai)
आरती श्री भगवद् गीता (Aarti Shri Bhagwat Geeta)
भजन: किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए.. (Kishori Kuch Aisa Intazam Ho Jaye)
मन की मुरादें, पूरी कर माँ: भजन (Mann Mi Muraden Poori Kar Maa)
भजन: कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)