जानकी नाथ सहाय करें.. (Janaki Nath Sahay Kare)
जानकी नाथ सहाय करें
जानकी नाथ सहाय करें,
जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो
सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो
राहु केतु की नाहिं गम्यता,
संग शनीचर होत हुचेरो
जानकी नाथ सहाय करें..
दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी,
चीर उतार कुमंतर प्रेरो
ताकी सहाय करी करुणानिधि,
बढ़ गये चीर के भार घनेरो
जानकी नाथ सहाय करें..
जाकी सहाय करी करुणानिधि,
ताके जगत में भाग बढ़े रो
रघुवंशी संतन सुखदाय,
तुलसीदास चरनन को चेरो
जब जानकी नाथ सहाय करें,
जब जानकी नाथ सहाय करे,
तब कौन बिगाड़ करे नर तेरो
सकट चौथ व्रत कथा: एक साहूकार और साहूकारनी (Sakat Chauth Pauranik Vrat Katha - Ek Sahukar Aur Ek Sahukarni)
हरि कर दीपक, बजावें संख सुरपति (Hari Kar Deepak Bajave Shankh Surpati)
श्री श्रीगुर्वष्टक (iskcon Sri Sri Guruvashtak)
भजन: राम पे जब जब विपदा आई.. (Ram Pe Jab Jab Vipada Aai)
गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है! (Gajanand Maharaj Padharo Kirtan Ki Taiyari Hai)
वंदना: ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा हैं (Gyan Ka Daan Hi Sabse Bada Hai)
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप की (Sari Duniya Hai Diwani Radha Rani Aapki)
सतगुरु मैं तेरी पतंग: गुरु भजन (Satguru Main Teri Patang)
आरती: ॐ जय महावीर प्रभु (Om Jai Mahaveer Prabhu)
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - माँ काली भजन (Mangal Ki Sewa Sun Meri Deva)
जग में सुन्दर है दो नाम... (Jag Main Sundar Hain Do Naam)
प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे, बाद बहुत पछताओगे (Prabhu Ko Agar Bhuloge Bande Need Kahan Se Laoge)