शरण में आये हैं हम तुम्हारी: भजन (Sharan Mein Aaye Hain Hum Tumhari)
शरण में आये हैं हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
सम्हालो बिगड़ी दशा हमारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
न हम में बल है,
न हम में शक्ति ।
न हम में साधन,
न हम में भक्ति ।
तुम्हारे दर के हैं हम भिखारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
शरण में आये हैं हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
प्रदान कर दो महान शक्ति,
भरो हमारे में ज्ञान भक्ति ।
तभी कहाओगे ताप हारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
शरण में आये हैं हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
जो तुम पिता हो, तो हम हैं बालक ।
जो तुम हो स्वामी, तो हम हैं सेवक ।
जो तुम हो ठाकुर, तो हम पुजारी ।
दया करो हे दयालु भगवन ।
शरण में आये हैं हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
भले जो हैं हम, तो हैं तुम्हारे ।
बुरे जो हैं हम, तो हैं तुम्हारे ।
तुम्हारे हो कर भी हम दुखारी ।
दया करो हे दयालु भगवन ।
शरण में आये हैं हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
शरण में आये हैं हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
सम्हालो बिगड़ी दशा हमारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।
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