अष्टोत्तर भैरव नामावलि (Bhairav Stotram)

ॐ भैरवाय नमः

ॐ भूतनाथाय नमः

ॐ भूतात्मने नमः

ॐ भूतभावनाय नमः

ॐ क्षेत्रज्ञाय नमः

ॐ क्षेत्रपालाय नमः

ॐ क्षेत्रदाय नमः

ॐ क्षत्रियाय नमः

ॐ विराजे नमः

ॐ श्मशानवासिने नमः

ॐ मांसाशिने नमः

ॐ खर्वराशिने नमः

ॐ स्मरांतकाय नमः

ॐ रक्तपाय नमः

ॐ पानपाय नमः

ॐ सिद्दाय नमः

ॐ सिद्धिदाय नमः

ॐ सिद्धिसेविताय नमः

ॐ कंकालाय नमः

ॐ कालशमनाय नमः

ॐ कलाकाष्ठाय नमः

ॐ तनये नमः

ॐ कवये नमः

ॐ त्रिनेत्राय नमः

ॐ बहुनेत्राय नमः

ॐ पिंगललोचनाय नमः

ॐ शूलपाणये नमः

ॐ खड्गपाणये नमः

ॐ कपालिने नमः

ॐ धूम्रलोचनाय नमः

ॐ अभीरवे नमः

ॐ भैरवीनाथाय नमः

ॐ भूतपाय नमः

ॐ योगिनीपतये नमः

ॐ धनधाय नमः

ॐ धनहारिणे नमः

ॐ धनवते नमः

ॐ प्रीतीवर्धनाय नमः

ॐ नागहाराय नमः

ॐ नागपाशाय नमः

ॐ व्योमकेशाय नमः

ॐ कपालभर्ते नमः

ॐ कालाय नमः

ॐ कपालमालिने नमः

ॐ कमनीयाय नमः

ॐ कलानिधये नमः

ॐ त्रिलोचनाय नमः

ॐ ज्वलनेन्राय नमः

ॐ त्रिशिखने नमः

ॐ त्रिलोकेषाय नमः

ॐ त्रिनेत्रतनयाय नमः

ॐ डिम्भाय नमः

ॐ शान्ताय नमः

ॐ शांतजनप्रियाय नमः

ॐ बटुकाय नमः

ॐ बहुवेशाय नमः

ॐ खट्वांगधारकाय नमः

ॐ भूताध्यक्षाय नमः

ॐ पशुपतये नमः

ॐ भिक्षुकाय नमः

ॐ परिचारकाय नमः

ॐ धूर्ताय नमः

ॐ दिगम्बराय नमः

ॐ शराय नमः

ॐ हरिणे नमः

ॐ पांडुलोचनाय नमः

ॐ प्रशांताय नमः

ॐ शांतिदाय नमः

ॐ सिद्दाय नमः

ॐ शंकरप्रियबांधवाय नमः

ॐ अष्टमूर्तये नमः

ॐ निधीशाय नमः

ॐ ज्ञानचक्षुये नमः

ॐ तपोमदाय नमः

ॐ अष्टाधाराय नमः

ॐ षडाधाराय नमः

ॐ सर्पयुक्ताय नमः

ॐ शिखिसखाय नमः

ॐ भूधराय नमः

ॐ भूधराधीशाय नमः

ॐ भूपतये नमः

ॐ भुधरात्मज्ञाय नमः

ॐ कंकालधारिणे नमः

ॐ मुण्डिने नमः

ॐ नागयज्ञोपवीतवते नमः

ॐ ज्रम्भणाय नमः

ॐ मोहनाय नमः

ॐ स्तंभिने नमः

ॐ मारणाय नमः

ॐ क्षोभणाय नमः

ॐ शुद्धनीलांजनप्रख्याय नमः

ॐ दैत्यघ्ने नमः

ॐ मुंडभूषिताय नमः

ॐ बलिभूजे नमः

ॐ बलिभूतनाथाय नमः

ॐ बालाय नमः

ॐ बालपराक्रमाय नमः

ॐ सर्वपत्तारणाय नमः

ॐ दुर्गाय नमः

ॐ दुष्ट भूषिताय नमः

ॐ कामिने नमः

ॐ कलानिधये नमः

ॐ कांताय नमः

ॐ कामिनीवश कृद्वशिने नमः

ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः

ॐ वैद्याय नमः

ॐ प्रभवे नमः

ॐ विष्णवे नमः