भजन: अब मैं सरण तिहारी जी (Ab Main Saran Tihari Ji)

अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥



अजामील अपराधी तारे,

तारे नीच सदान ।

जल डूबत गजराज उबारे,

गणिका चढी बिमान ॥



अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥



और अधम तारे बहुतेरे,

भाखत संत सुजान ।

कुबजा नीच भीलणी तारी,

जागे सकल जहान ॥



अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥



कहँ लग कहूँ गिणत नहिं आवै,

थकि रहे बेद पुरान ।

मीरा दासी शरण तिहारी,

सुनिये दोनों कान ॥



अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥

अब मैं शरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥