तुम शरणाई आया ठाकुर: शब्द कीर्तन (Tum Sharnai Aaya Thakur)

तुम शरणाई आया ठाकुर

तुम शरणाई आया ठाकुर ॥



उतरि गइओ मेरे मन का संसा,

जब ते दरसनु पाइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर



अनबोलत मेरी बिरथा जानी

अपना नामु जपाइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर



दुख नाठे सुख सहजि समाए,

अनद अनद गुण गाइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर



बाह पकरि कढि लीने अपुने,

ग्रिह अंध कूप ते माइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर



कहु नानक गुरि बंधन काटे,

बिछुरत आनि मिलाइआ ॥

तुम शरणाई आया ठाकुर

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 29 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 29)

ऐसे मेरे मन में विराजिये: भजन (Aaise Mere Maan Main Virajiye)

हर महादेव आरती: सत्य, सनातन, सुंदर (Har Mahadev Aarti: Satya Sanatan Sundar)

आरती: श्री महावीर भगवान | जय सन्मति देवा (Shri Mahaveer Bhagwan 3 Jai Sanmati Deva)

भजन: शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है। (Shiv Uthat Shiv Chalat Shiv Sham Bhor Hai)

मैं तो बांके की बांकी बन गई (Main Toh Banke Ki Banki Ban Gayi)

सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ (Sakhi Ri Bank Bihaari Se Hamari Ladgayi Akhiyan)

जानकी नाथ सहाय करें.. (Janaki Nath Sahay Kare)

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये: भजन (Tune Mujhe Bulaya Sherawaliye Bhajan)

पापमोचनी एकादशी व्रत कथा (Papmochani Ekadashi Vrat Katha)

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी: भजन (De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद! (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)