श्री गौमता जी की आरती (Shri Gaumata Ji Ki Aarti)
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥
अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,
अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ।
सुर मानव सौभाग्य विधायिनि,
प्यारी पूज्य नंद छैय्या की ॥
॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की...॥
अख़िल विश्व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता ।
रोग शोक संकट परित्राता,
भवसागर हित दृढ़ नैय्या की ॥
॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की...॥
आयु ओज आरोग्य विकाशिनि,
दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि ।
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की ॥
॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की...॥
सेवक जो चाहे दुखदाई,
सम पय सुधा पियावति माई ।
शत्रु मित्र सबको दुखदायी,
स्नेह स्वभाव विश्व जैय्या की ॥
॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की...॥
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥
तुम करुणा के सागर हो प्रभु: भजन (Tum Karuna Ke Sagar Ho Prabhu)
भजन: श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम! (Shyam Teri Bansi Pukare Radha Naam)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा (Purushottam Mas Mahatmya Katha)
विन्ध्येश्वरी आरती: सुन मेरी देवी पर्वतवासनी (Sun Meri Devi Parvat Vasani)
मुरली वाले ने घेर लयी, अकेली पनिया गयी: भजन (Murli Wale Ne Gher Layi)
सकट चौथ व्रत कथा: एक साहूकार और साहूकारनी (Sakat Chauth Pauranik Vrat Katha - Ek Sahukar Aur Ek Sahukarni)
भजन: हे भोले शंकर पधारो (Hey Bhole Shankar Padharo)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 8)
श्री खाटू श्याम जी आरती (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti)
भजन: घर में पधारो गजानन जी! (Ghar Me Padharo Gajanan Ji)
भजन: हे करुणा मयी राधे, मुझे बस तेरा सहारा है! (Hey Karuna Mayi Radhe Mujhe Bas Tera Sahara Hai)
श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल: भजन (Shri Govardhan Wasi Sanwarey Lal)