पत्नीं मनोरमां देहि - सुंदर पत्नी प्राप्ति मंत्र (Patni Manoraman Dehi)

दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र के जाप से सुन्दर, सुलोचना, सभी गुणों से युक्त, मनचाही और घर को बसाने वाली पत्नी मिलती है। इस मंत्र का जाप कुंवारे व्यक्ति को ही करना चाहिए।




पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम् ।


तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम् ॥


- दुर्गा सप्तशती

सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र (Sarv Bhayanak Rog Nashak Mantra)

भजन: काशी वाले, देवघर वाले, जय शम्भू। (Bhajan: Kashi Wale Devghar Wale Jai Shambu)

भजन: नंद रानी तेरो लाला जबर भयो रे! (Nand Rani Tero Lala Zabar Bhayo Re)

अनमोल तेरा जीवन, यूँ ही गँवा रहा है: भजन (Anmol Tera Jeevan Yuhi Ganwa Raha Hai)

प्रेरक कथा: श‌िव के साथ ये 4 चीजें जरुर दिखेंगी! (Shiv Ke Sath Ye 4 Cheejen Jarur Dikhengi)

बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ: भजन (Beta Bulaye Jhat Daudi Chali Aaye Maa)

तुम करुणा के सागर हो प्रभु: भजन (Tum Karuna Ke Sagar Ho Prabhu)

येषां न विद्या न तपो न दानं... (Yeshaan Na Vidya Na Tapo Na Danan)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 2 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 2)

भजन: तुम से लागी लगन.. पारस प्यारा (Tumse Lagi Lagan Le Lo Apni Sharan Paras Pyara)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 20 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 20)

सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई: भजन (Sukh Ke Sab Saathi, Duhkh Mein Na Koi)