छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)
कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बहंगी लचकत जाय
होई ना बलम जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाय
कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बहंगी लचकत जाय
बाट जे पूछेला बटोहिया,
बहंगी केकरा के जाय
बहंगी केकरा के जाय
तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया,
बहंगी छठ मैया के जाय
बहंगी छठ मैया के जाय
ओहरे जे बारी छठि मैया,
बहंगी उनका के जाय
बहंगी उनका के जाय
कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बहंगी लचकत जाय
होई ना देवर जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाय
बहंगी घाटे पहुंचाय
ऊंहवे जे बारि छठि मैया
बहंगी के उनके के जाय
बहंगी उनका के जाय
बाट जे पूछेला बटोहिया
बहंगी केकरा के जाय
बहंगी केकरा के जाय
तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया
बहंगी छठ मैया के जाय
बहंगी छठ मैया के जाय
ऊंहवे जे बारी छठि मैया
बहंगी उनका के जाय
बहंगी उनका के जाय
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