सुन लो चतुर सुजान, निगुरे नहीं रहना (Sunlo Chatur Sujan Nigure Nahi Rehna)

निगुरे नहीं रहना

सुन लो चतुर सुजान निगुरे नहीं रहना..



निगुरे का नहीं कहीं ठिकाना चौरासी में आना जाना।

पड़े नरक की खान निगुरे नहीं रहना..



गुरु बिन माला क्या सटकावे मनवा चहुँ दिश फिरता जावे।

यम का बने मेहमान निगुरे नहीं रहना..

सुन लो..



हीरा जैसी सुंदर काया हरि भजन बिन जनम गँवाया।

कैसे हो कल्याण निगुरे नहीं रहना..

सुन लो..



निगुरा होता हिय का अंधा खूब करे संसार का धंधा।

क्यों करता अभिमान निगुरे नहीं रहना.

सुन लो..

इस योग्य हम कहाँ हैं, गुरुवर तुम्हें रिझायें: भजन (Is Yogya Ham Kahan Hain, Guruwar Tumhen Rijhayen)

धर्मराज आरती - ॐ जय धर्म धुरन्धर (Dharmraj Ki Aarti - Om Jai Dharm Dhurandar)

ऋण विमोचन नृसिंह स्तोत्रम् (Rina Vimochana Nrisimha Stotram)

भजन: करदो करदो बेडा पार राधे अलबेली सरकार (Kardo Kardo Beda Paar Radhe Albeli Sarkar)

मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले: भजन (Mujhe Charno Se Lagale Mere Shyam Murli Wale)

जिन पर कृपा राम करे: भजन (Jin Par Kirpa Ram Kare)

भजन: हमारे दो ही रिश्तेदार (Hamare Do Hi Rishtedar)

म्हारा खाटू वाला श्याम: भजन (Mhara Khatu Wala Shyam, Mhara Neele Shyam)

शिवाष्ट्कम्: जय शिवशंकर, जय गंगाधर.. पार्वती पति, हर हर शम्भो (Shivashtakam: Jai ShivShankar Jai Gangadhar, Parvati Pati Har Har Shambhu)

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के: भजन (Prem Ke Pale Prabhu Ko Niyam Badalte Dekha)

टूटी झोपड़िया मेरी माँ: भजन (Tuti Jhupdiya Meri Maa Garib Ghar Aajana)

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी: आरती (Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri)