सुन लो चतुर सुजान, निगुरे नहीं रहना (Sunlo Chatur Sujan Nigure Nahi Rehna)
निगुरे नहीं रहना
सुन लो चतुर सुजान निगुरे नहीं रहना..
निगुरे का नहीं कहीं ठिकाना चौरासी में आना जाना।
पड़े नरक की खान निगुरे नहीं रहना..
गुरु बिन माला क्या सटकावे मनवा चहुँ दिश फिरता जावे।
यम का बने मेहमान निगुरे नहीं रहना..
सुन लो..
हीरा जैसी सुंदर काया हरि भजन बिन जनम गँवाया।
कैसे हो कल्याण निगुरे नहीं रहना..
सुन लो..
निगुरा होता हिय का अंधा खूब करे संसार का धंधा।
क्यों करता अभिमान निगुरे नहीं रहना.
सुन लो..
भजन: सांवरे को दिल में बसा के तो देखो! (Bhajan: Sanware Ko Dil Me Basa Kar To Dekho)
माँ तुलसी अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (Tulsi Ashtottara Shatnam Namavali)
मन फूला फूला फिरे जगत में: भजन (Mann Fula Fula Phire Jagat Mein)
संकटा माता व्रत कथा (Sankata Mata Vrat Katha)
श्री राम नाम तारक (Shri Rama Nama Tarakam)
माँ अन्नपूर्णा की आरती (Maa Annapurna Ji Ki Aarti)
श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा (Shri Vishnu Matsyavatar Pauranik Katha)
ऐसे मेरे मन में विराजिये: भजन (Aaise Mere Maan Main Virajiye)
हे रोम रोम मे बसने वाले राम! (Hey Rom Rom Main Basne Wale Ram)
मंत्र: शांति पाठ (Shanti Path)
श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (Shri Hanuman Ashtottara-Shatnam Namavali)
श्री दशावतार स्तोत्र: प्रलय पयोधि-जले (Dashavtar Stotram: Pralay Payodhi Jale)