सुन लो चतुर सुजान, निगुरे नहीं रहना (Sunlo Chatur Sujan Nigure Nahi Rehna)

निगुरे नहीं रहना

सुन लो चतुर सुजान निगुरे नहीं रहना..



निगुरे का नहीं कहीं ठिकाना चौरासी में आना जाना।

पड़े नरक की खान निगुरे नहीं रहना..



गुरु बिन माला क्या सटकावे मनवा चहुँ दिश फिरता जावे।

यम का बने मेहमान निगुरे नहीं रहना..

सुन लो..



हीरा जैसी सुंदर काया हरि भजन बिन जनम गँवाया।

कैसे हो कल्याण निगुरे नहीं रहना..

सुन लो..



निगुरा होता हिय का अंधा खूब करे संसार का धंधा।

क्यों करता अभिमान निगुरे नहीं रहना.

सुन लो..

भजन: बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया (Brindavan Ka Krishan Kanhaiya Sabki Aankhon Ka Tara)

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी: भजन (Ik Din Vo Bhole Bhandari Banke Braj Ki Nari)

कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे... (Kanhaiya Kanhaiya Pukara Karenge Lataon Me Brij Ki Gujara Karenge)

श्री सूर्य देव - ऊँ जय कश्यप नन्दन। (Shri Surya Dev Jai Kashyapa Nandana)

गुरुदेव आरती - श्री नंगली निवासी सतगुरु (Guru Aarti - Shri Nangli Niwasi Satguru)

श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम (Ashtalakshmi Stothram)

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया (Jinka Maiya Ji Ke Charno Se Sabandh Hogaya)

बनवारी रे! जीने का सहारा तेरा नाम रे: भजन (Banwari Re Jeene Ka Sahara Tera Naam Re)

धर्मराज आरती - ॐ जय धर्म धुरन्धर (Dharmraj Ki Aarti - Om Jai Dharm Dhurandar)

मुरली बजा के मोहना! (Murli Bajake Mohana Kyon Karliya Kinara)

भजन: हे भोले शंकर पधारो (Hey Bhole Shankar Padharo)

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं। (Hum Ram Ji Ke Ram Ji Hamare Hain)