श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती (Mata Shri Chintpurni Devi)
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ
जन को तारो भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥
॥ भोली माँ ॥
सिन्हा पर भाई असवार,
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥
॥ भोली माँ ॥
एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो ॥
॥ भोली माँ ॥
चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला ॥
॥ भोली माँ ॥
सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो ॥
॥ भोली माँ ॥
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये ॥
॥ भोली माँ ॥
हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान ॥
॥ भोली माँ ॥
औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया ॥
॥ भोली माँ ॥
सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ ॥
॥ भोली माँ ॥
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ
जय राधा माधव, जय कुन्ज बिहारी: भजन (Jai Radha Madhav, Jai Kunj Bihari)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 21)
सकट चौथ व्रत कथा: एक साहूकार और साहूकारनी (Sakat Chauth Pauranik Vrat Katha - Ek Sahukar Aur Ek Sahukarni)
मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे: गुरुवाणी शब्द कीर्तन (Mere Ram Rai Tu Santa Ka Sant Tere)
श्री गौमता जी की आरती (Shri Gaumata Ji Ki Aarti)
बालाजी मने राम मिलन की आस: भजन (Balaji Mane Ram Milan Ki Aas)
भजन: छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना! (Bhajan: Cham Cham Nache Dekho Veer Hanumana)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 24 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 24)
नृसिंह आरती ISKCON (Narasimha Aarti ISKCON)
जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया (Jinka Maiya Ji Ke Charno Se Sabandh Hogaya)
भक्ति की झंकार उर के: प्रार्थना (Bhakti Ki Jhankar Urke Ke Taron Main: Prarthana)
भजन: कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)