श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती (Mata Shri Chintpurni Devi)
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ
जन को तारो भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥
॥ भोली माँ ॥
सिन्हा पर भाई असवार,
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥
॥ भोली माँ ॥
एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो ॥
॥ भोली माँ ॥
चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला ॥
॥ भोली माँ ॥
सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो ॥
॥ भोली माँ ॥
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये ॥
॥ भोली माँ ॥
हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान ॥
॥ भोली माँ ॥
औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया ॥
॥ भोली माँ ॥
सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ ॥
॥ भोली माँ ॥
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30)
श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम (Ashtalakshmi Stothram)
राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। (Radha Ko Naam Anmol Bolo Radhe Radhe)
मेरे मन के अंध तमस में: भजन (Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro)
भजन: तेरा पल पल बीता जाए! (Tera Pal Pal Beeta Jay Mukhse Japle Namah Shivay)
गुरु स्तुति (Guru Stuti)
अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना: भजन (Ayodhya Nath Se Jakar Pawansut Hal Kah Dena )
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी। (Maa Murade Puri Karde Main Halwa Batungi)
मां नर्मदाजी आरती (Aarti Shri Narmada Maiya)
जो शिव को ध्याते है, शिव उनके है: भजन (Jo Shiv Ko Dhyate Hain Shiv Unke Hain)
बिल्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् (Bilva Ashtottara Shatnam Stotram)
दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया: भजन (Dard Kisako Dikhaun Kanaiya)