जो शिव को ध्याते है, शिव उनके है: भजन (Jo Shiv Ko Dhyate Hain Shiv Unke Hain)
जो शिव को ध्याते है,
शिव उनके है,
जो शिव में खो जाते है,
जो शिव में खो जाते है,
शिव उनके है,
जो शिव को ध्याते हैं,
शिव उनके है।।
शिव को ना गर्ज कोई,
छोटी बडी बात से,
शिव तो है खुश होते,
भावना की बात से,
मानव है पाते उसे,
निश्चय से जप से,
दानव वरदान लेते,
बरसों के तप से,
जो श्रद्धा दिखाते है,
शिव उनके है,
जो शिव को ध्याते हैं,
शिव उनके है।।
निष्ठा का दूध और,
जल उनको भाए रे,
मेवा अभिमान का ना,
उनको रिझाए रे,
रावण ने पाई जिनसे,
सोने की लंका है,
उनकी दयालुता पे,
हमको ना शंका है,
जो शिव के हो जाते है,
शिव उनके है,
जो शिव को ध्याते हैं,
शिव उनके है।।
शिव ही शिवालय में,
शिव ही कैलाश में,
शिव तो है भक्तों के,
मन के विश्वास में,
शिव को ना पाया जाए,
ऊँचे दिमागों से,
बंध जाते प्रेम के,
कच्चे ही धागों से,
जो प्रेम बढ़ाते है,
शिव उनके है,
जो शिव को ध्याते हैं,
शिव उनके है।।
जो शिव को ध्याते है,
शिव उनके है,
जो शिव में खो जाते है,
जो शिव में खो जाते है,
शिव उनके है,
जो शिव को ध्याते हैं,
शिव उनके है।।
श्री सत्यनारायण कथा - चतुर्थ अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Chaturth Adhyay)
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार: भजन (Tera Ramji Karenge Bera Paar)
श्री कुबेर जी आरती - जय कुबेर स्वामी (Shri Kuber Aarti, Jai Kuber Swami)
मन की मुरादें, पूरी कर माँ: भजन (Mann Mi Muraden Poori Kar Maa)
माँ रेवा: थारो पानी निर्मल (Maa Rewa: Tharo Pani Nirmal)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 8)
शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा (Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 19 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 19)
भोजन मन्त्र: ॐ सह नाववतु। (Bhojan Mantra Om Sah Naavavatu)
श्री शनि देव: आरती कीजै नरसिंह कुंवर की (Shri Shani Dev Aarti Keejai Narasinh Kunwar Ki)
ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare)