भजन: बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया (Brij Ke Nandlala Radha Ke Sanwariya)

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,

सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।



मीरा पुकारी जब गिरिधर गोपाला,

ढल गया अमृत में विष का भरा प्याला ।

कौन मिटाए उसे, जिसे तू राखे पिया,

सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ॥

॥ बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया..॥



जब तेरी गोकुल पे आया दुख भारी,

एक इशारे से सब विपदा टारी ।

मुड़ गया गोवर्धन तुने जहाँ मोड़ दिया,

सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ॥

॥ बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया..॥



नैनो में श्याम बसे, मन में बनवारी,

सुध बिसराएगी मुरली की धुन प्यारी ।

मन के मधुबन में रास रचाए रसिया,

सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ॥

॥ बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया..॥



बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,

सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।