मीरा बाई भजन: ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी (Ae Ri Main To Prem Diwani)

ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।

ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।



ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।



घायल की गति घायल जाणै,

जो कोई घायल होय ।

जौहरि की गति जौहरी जाणै,

की जिन जौहर होय ॥



सूली ऊपर सेज हमारी,

सोवण किस बिध होय ।

गगन मंडल पर सेज पिया की,

किस बिध मिलणा होय ॥



दर्द की मारी बन-बन डोलूं,

वैद्य मिल्या नहिं कोय ।

मीरा की प्रभु पीर मिटेगी,

जद वैद्य सांवरिया होय ॥



ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।

ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।



--- Extra Lines ---

ना मैं जानू आरती वन्दन,

ना पूजा की रीत ।

लिए री मैंने दो नैनो के,

दीपक लिए संजोये ॥