ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र (Rin Harta Shri Ganesh Stotra)
ऋण से छुटकारा पाने हेतु
ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र
का नियमित पाठ करने से भक्त को कर्ज चुकाने मे आसानी होती है, साथ ही साथ धन अर्जित करने के अन्य कई साधन भी निकल आते हैं।
॥ ध्यान ॥
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् ।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ॥
॥ मूल-पाठ ॥
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित: ।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित: ।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत् ॥
मैं तो तेरी हो गई श्याम: भजन (Me Too Teri Hogai Shayam, Dunyan Kya Jane)
ॐ श्री विष्णु मंत्र: मङ्गलम् भगवान विष्णुः (Shri Vishnu Mantra)
भजन करो मित्र मिला आश्रम नरतन का: भजन (Bhajan Karo Mitra Mila Ashram Nartan Ka)
भगवान शिव शतनाम-नामावली स्तोत्रम्! (Shri Shiv Stotram Sat Namavali)
हे मुरलीधर छलिया मोहन: भजन (Hey Muralidhar Chhaliya Mohan)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 2 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 2)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 6 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 6)
भजन: हरि नाम के रस को पी पीकर (Hari Naam Ke Ras Ko Pee Peekar)
शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा (Shukravar Santoshi Mata Vrat Katha)
जय जय राधा रमण हरी बोल: भजन (Jai Jai Radha Raman Hari Bol)
भजन: राम सिया राम, सिया राम जय जय राम! (Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram)
भजन: ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम (Aisi Suwah Na Aye Aye Na Aisi Sham)