कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी: भजन (Kirpa Ki Na Hoti Jo Addat Tumhari)

मैं रूप तेरे पर, आशिक हूँ,

यह दिल तो तेरा, हुआ दीवाना

ठोकर खाई, दुनियाँ में बहुत,

मुझे द्वार से, अब न ठुकराना

हर तरह से तुम्हारा, हुआ मैं तो,

फिर क्यों तुमको, मैं बेगाना

मुझे दरस दिखा दो, नंद लाला,

नहीं तो दर तेरे पर, मर जाना



कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी

तो सूनी ही रहती, अदालत तुम्हारी



गोपाल सहारा तेरा है ,

हे नंद लाल सहारा तेरा है ,

मेरा और सहारा कोई नहीं

गोपाल सहारा तेरा है ,

हे नंद लाल सहारा तेरा है ,,,,,,,,,



ओ दीनो के दिल में, जगह तुम न पाते

तो किस दिल में होती, हिफाजत तुम्हारी

कृपा की न होती जो,,,



ग़रीबों की दुनियाँ है, आबाद तुमसे ,

ग़रीबों से है, बादशाहत तुम्हारी ,

कृपा की न होती जो,,,,,,



न मुल्जिम ही होते, न तुम होते हाकिम,

न घर-घर में होती, इबादत तुम्हारी ,

कृपा की न होती जो,,,



तुम्हारी ही उल्फ़त के, द्रिग ‘बिन्दु’ हैं यह ,

तुम्हें सौंपते है, अमानत तुम्हारी ,

कृपा की न होती जो,,,,,,,,,

भजन: ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ? (Bhajan: Ganga Behti Ho Kiyon)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 18 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 18)

जगमग जगमग जोत जली है, आरती श्री राम जी (Jagmag Jyot Jali Hai Shri Ram Aarti)

जागो वंशीवारे ललना, जागो मोरे प्यारे: भजन (Jago Bansivare Lalna Jago More Pyare)

यही आशा लेकर आती हूँ: भजन (Bhajan: Yahi Aasha Lekar Aati Hu)

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी: भजन (Ik Din Vo Bhole Bhandari Banke Braj Ki Nari)

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए: भजन (Bheja Hai Bulava Tune Shera Waliye)

भजन: भारत के लिए भगवन का एक वरदान है गंगा! (Bharat Ke Liye Bhagwan Ka Ek Vardan Hai Maa Ganga)

श्री गौरीनंदन की आरती (Gouri Nandan Ki Aarti)

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन: भजन (Bhajan: Hey Dukh Bhanjan Maruti Nandan)

सदाशिव सर्व वरदाता, दिगम्बर हो तो ऐसा हो - भजन (Sada Shiv Sarva Var Data Digamber Ho To Aisa Ho)

आदियोगी - दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi The Source Of Yoga)