बड़ी देर भई नंदलाला: भजन (Badi Der Bhai Nandlala)

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।

धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥



बड़ी देर भई नंदलाला,

तेरी राह तके बृजबाला ।

बड़ी देर भई नंदलाला,

तेरी राह तके बृजबाला ।



ग्वाल-बाल इक-इक से पूछे

कहाँ है मुरली वाला रे

बड़ी देर भई नंदलाला,

तेरी राह तके बृजबाला ।



कोई ना जाए कुञ्ज गलिन में,

तुझ बिन कलियाँ चुनने को ।

तुझ बिन कलियाँ चुनने को ।



तरस रहे हैं..

तरस रहे हैं जमुना के तट,

धुन मुरली की सुनने को ।

अब तो दरस दिखा दे नटखट,

क्यों दुविधा में डाला रे ।



बड़ी देर भई नंदलाला,

तेरी राह तके बृजबाला ।

बड़ी देर भई नंदलाला,

तेरी राह तके बृजबाला ।



संकट में है आज वो धरती,

जिस पर तूने जनम लिया ।

जिस पर तूने जनम लिया ।



पूरा कर दे...

पूरा कर दे आज वचन वो,

गीता में जो तूने दिया ।

कोई नहीं है तुझ बिन मोहन,

भारत का रखवाला रे ।



बड़ी देर भई नंदलाला,

तेरी राह तके बृजबाला ।

बड़ी देर भई नंदलाला,

तेरी राह तके बृजबाला ।



ग्वाल-बाल इक-इक से पूछे

कहाँ है मुरली वाला रे ।



बड़ी देर भई नंदलाला,

तेरी राह तके बृजबाला ।

बड़ी देर भई नंदलाला,

तेरी राह तके बृजबाला ।



गायक: मोहम्मद रफ़ी

फिल्म: खानदान (1965)