कोशिका की खोज किसने की ?

कोशिका सभी जीवित वस्तुओं की आधारभूत संरचना है। मनुष्य का शरीर खरबों कोशिकाओं से मिलकर बना होता हैं। ये हमारे शरीर को आकार देती है और भोजन से पोषक तत्व प्राप्त कर ऊर्जा का निर्माण करती है। कोशिका के अंदर ही DNA जैसे अनुवांशिक पदार्थ भी मौजूद होती हैं।
कोशिका की खोज सन् 1665 में इंग्लैंड के वैज्ञानिक “रॉबर्ट हुक” ने की थी। रॉबर्ट हुक ने बोतल के काग के एक बारीक परिच्छेद का स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से अध्ययन करते हुए कि उसने काग की मृत कोशिकाओं से निर्मित प्रकोष्ठों को देखा और उनको कोशिका नाम दिया गया।
रॉबर्ट हुक इंग्लैंड के एक प्राकृतिक पाश्चात्य (फिलॉसफर) थे। सन् 1665 में उन्होंने बोतल के काॅर्क के पतले टुकड़ों को कंपाउंड माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर देखा तो उन्हें उनमें हजारों छोटे-छोटे छिद्र नजर आये।
कोशिका के प्रकार
कोशिका को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है।
2) यूकैरियोटिक कोशिक ( Eukaryotic Cell )
प्रोकैरियोटिक कोशिका :- इस प्रकार की कोशिकाओं में झिल्लीयुक्त सुसंगठित केंद्रक तथा झिल्ली युक्त कोशिकांग नहीं पाए जाते है। उदाहरण- नील हरित शैवाल, जीवाणु आदि। यह एकल कोशिका वाले सूक्ष्म जीव में पाए जाते हैं।
इनका व्यास (Diameter) 0.1 से 0.5 माइक्रोमीटर के बीच होता है।
इनका निर्माण द्विखण्डन (Binary Fission) से होता है. जीवविज्ञान में कोशिका का दो भागों में विभाजित होना और नयी कोशिकाओं का निर्माण करना द्विखण्डन कहलाता है।
यूकैरियोटिक कोशिका :- इस प्रकार की कोशिकाओं में सुसंगठित केंद्रक एवं द्विस्तरीय कोशिकांग पाए जाते हैं। उन्हें यूकेरियोटिक कोशिका कहते हैं। उदाहरण- मनुष्य, पादप आदि।
यह बहुकोशिकीय वाले सूक्ष्मजीव में पाए जाते है। इनका व्यास 10 से 100 माइक्रोमीटर के बीच होता है। इनका निर्माण लैंगिक तथा अलैंगिक जनन से हो सकता है।
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