ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है? / What is Green house effect


ग्रीनहाउस में सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा प्रकाश किरणों के रूप में एक सतह को पार करके ग्रीनहाउस तक आती है. इस सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा का कुछ भाग मिट्टी, पेड़ पौधों और ग्रीनहाउस के अन्य साधनों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. इस अवशोषित ऊर्जा का अधिक्तर भाग ऊष्मा (heat) में परिवर्तित हो जाता है।  जो की ग्रीनहाउस को गर्म बनाये रखता है. ग्रीनहाउस में  मौजूद सतह इस ऊष्मा को बांधे रखती है, और ग्रीनहाउस का तापमान निश्चित बनाये रखने में मदत करती है. 

 

ग्रीनहाउस में उपस्थित गैसें ऊष्मा (Heat) को अवशोषित करती है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है, और अन्य ग्रहों की तुलना में पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाता है. सबसे जरूरी है की ग्रीनहाउस गैस पानी से उत्पन्न बाष्प है, और ग्रीनहाउस प्रभाव में यह बहुत अधिक उपयोगी होता है. अन्य गैसें जिसमें कार्बन डाई ऑक्साइड, मेंथेन और नाइट्रस ऑक्साइड आदि शामिल है, इसके शामिल होने का प्रतिशत बहुत ही कम होता है. हालाँकि वो भी ग्रीनहाउस प्रभाव में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती ह।  

 

पृथ्वी अभी से कहीं ज्यादा ठंडी होती, अगर पृथ्वी पर ग्रीनहाउस प्रभाव नहीं होता तो, और पृथ्वी का तापमान 18 C होता. पृथ्वी पर जलवायु में गर्माहट बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्यूकी हमारी पृथ्वी के तीन चौथाई भाग पर पानी है और यह पानी बर्फ, तरल और बाष्प तीन रूपों में पृथ्वी पर मौजूद है. पृथ्वी पर मौजूद जल चक्र के कारण पानी एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होता रहता है, और हमें अपने जीवन को नियमित बनाये रखने के लिए पीने योग्य पानी मिलता है. यह पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.


 

 

ग्रीनहाउस गैसों के संदर्भ में जानकारी :

ग्रीनहाउस गैस का नाम कार्बनिक नाम पर्यावरण में इस गैस का प्रतिशत
भाप (Water vapor)  H2O  36-70%
कार्बनडाई ऑक्साइड   CO2 9-26%
मेथेन   CH4 4-9%
नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide) N2O 3-7%
ओज़ोन    O3 –     
Chlorofluorocarbons   CFCs  –