ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है

ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है व इसके फायदे व नुकसान / Greenhouse harmful effects and facts in hindi

ग्रीनहाउस प्रभाव


ग्रीनहाउस प्रभाव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो धरती पर जीवन संभव बनाने के लिए जरूरी है. और जिसके द्वारा किसी ग्रह या उपग्रह के वातावरण में मौजूद कुछ गैसें वातावरण के तापमान को अपेक्षाकृत अधिक गर्म बनाने मदद करता हैं। इन ग्रीनहाउस गैसों में कार्बन डाई आक्साइड, जल-वाष्प, मिथेन आदि शामिल होते है। यदि ग्रीनहाउस प्रभाव नहीं होता तो शायद ही पृथ्वी पर जीवन नहीं होता, क्योंकि तब पृथ्वी का औसत तापमान -18° सेल्सियस होता न कि वर्तमान 15° सेल्सियस।

 

लेकिन जब यही ग्रीनहाउस प्रभाव जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तो ग्लोबल वार्मिंग को चेतावनी देता है जो पृथ्वी की जलवायु के लिए एक खतरा बनता जा रहा ह।  .धरती के वातावरण के तापमान को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हैं जिसमें से ग्रीनहाउस प्रभाव एक है। 1.मीथेन 2.नाइट्रस ऑक्साइड (N2O5).

 

चलिए तो आज इस लेख में आप ग्रीनहाउस प्रभाव से जुड़ी जानकारियों के बारे में जानेंग। जानेंगे की  ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है, ग्रीनहाउस प्रभाव की प्रक्रिया, ग्रीनहाउस प्रभाव के लाभ और हानि इत्यादि के बारे में आपको पता चलेगा।  तो आइये आगे बढ़ते हैं बिना किसी विलंब के और जानते हैं ग्रीनहाउस प्रभाव की पूरी जानकारी.

 

ग्रीनहाउस प्रभाव  का इतिहास

वर्ष 1824 में ग्रीनहाउस प्रभाव के अस्तित्व के बारे में जोसेफ फुरियर ने बताया था। उनके द्वारा दिये गए तर्क और साक्ष्यों को वर्ष 1827 और 1838 में क्लाउड पाउलेट ने और मजबूत कर दिय।  इस पर प्रयोग और अवलोकन करने के बाद इसका कारण जॉन टिंडल ने 1859 में बताया था। लेकिन सबसे पहले इसकी स्पष्ट आंकिक जानकारी स्वांटे आर्रेनियस ने 1896 में दी थी। उन्होंने पहली बार मात्रात्मक पूर्वानुमान लगा कर यह बताया था कि वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड गैस के दोहरीकरण से होता है। लेकिन किसी भी वैज्ञानिक ने ग्रीनहाउस शब्द का प्रयोग नहीं किया था। सबसे पहले इसका प्रयोग निल्स गुस्टफ एकहोम ने 1901 में किया था.