वंदना: ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा हैं (Gyan Ka Daan Hi Sabse Bada Hai)
ज्ञान का दान ही, सबसे बड़ा हैं
जिसे कोई न लूटे
ज्ञान का दान ही, सबसे बड़ा हैं
जिसे कोई न लूटे
ज्ञान का रिश्ता, सच्चा रिश्ता
ज्ञान का रिश्ता, सच्चा रिश्ता
बाकी रिश्ते झूठे
जो ज्ञान दान, दे जाता हैं
वो जग में अमर कहलाता हैं
अज्ञानी का जीवन जैसे
दीप बिना मोती जैसे
घर-घर में दीप जलाए
ज्ञान की ही ज्योति के
अपने लिए गुरु, विधाता हैं जो
जग में अमर कहलाता हैं
अपने लिए गुरु, विधाता हैं जो
जग में अमर कहलाता हैं
जो ज्ञान दान, दे जाता हैं
वो जग में अमर कहलाता हैं
जो ज्ञान दान, दे जाता हैं
सब धर्मो का पालन कीजे
मानवता कहती हैं
किसी एक की नहीं ये गंगा
सब के लिए बहती है
ये जल जीवन महकाता हैं
और मन पावन हो जाता हैं
ये जल जीवन महकाता हैं
और मन पावन हो जाता हैं
जो ज्ञान दान, दे जाता हैं
वो जग में अमर कहलाता हैं
जो ज्ञान दान, दे जाता हैं
उनका जीना क्या जीना जो
अपने लिए जीते हैं
एक दूजे के सुख-दुख बांटे
एक दूजे के लिए हैं
जो औरों के काम आता हैं
वो जीवन के सुख पाता हैं
जो औरों के काम आता हैं
वो जीवन के सुख पाता हैं
ज्ञान का दान ही
सबसे बड़ा हैं
जिसे कोई न लुटे
ज्ञान का रिश्ता सच्चा रिश्ता
बाकी रिश्ते झूठे
जो ज्ञान दान, दे जाता हैं
वो जग में अमर कहलाता हैं
जो ज्ञान दान, दे जाता हैं
माली के जाने से गुलसन
सूना हो जाएगा
लेकिन हर बहार का मौसम
रंग नए लाएगा
कोई आता है, कोई जाता है
यूँ वक़्त गुजरता जाता हैं
कोई आता है, कोई जाता है
यूँ वक़्त गुजरता जाता हैं
ज्ञान का दान ही, सबसे बड़ा हैं
जिसे कोई न लूटे
ज्ञान का दान ही, सबसे बड़ा हैं
जिसे कोई न लूटे
ज्ञान का रिश्ता, सच्चा रिश्ता
ज्ञान का रिश्ता, सच्चा रिश्ता
बाकी रिश्ते झूठे
ज्ञान का दान ही, सबसे बड़ा हैं
जिसे कोई न लूटे
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - माँ काली भजन (Mangal Ki Sewa Sun Meri Deva)
तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है: भजन (Tere Darbar Mein Maiya Khushi Milti Hai)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 15)
भजन: करदो करदो बेडा पार राधे अलबेली सरकार (Kardo Kardo Beda Paar Radhe Albeli Sarkar)
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार - भजन (Ab Saump Diya Is Jeevan Ka Sab Bhar Tumhare Hathon Me)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 16 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 16)
राम जपते रहो, काम करते रहो: भजन (Ram Japate Raho, Kam Karte Raho)
माता रानी के भजन (Mata Rani Ke Bhajan)
जन्माष्टमी भजन: यगोविंदा आला रे आला... (Govinda Aala Re Aala)
भजन: द्वार पे गुरुदेव के हम आगए (Dwar Pe Gurudev Ke Ham Aagaye)
उड़े उड़े बजरंगबली, जब उड़े उड़े: भजन (Ude Ude Bajrangbali, Jab Ude Ude)
सच्चा है माँ का दरबार, मैय्या का जवाब नहीं: भजन (Saccha Hai Maa Ka Darbar, Maiya Ka Jawab Nahi)