देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ। (Dena Ho To Dijiye Janam Janam Ka Sath)
देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ।
अब तो कृपा कर दीजिए, जनम जनम का साथ।
मेरे सर पर रख बनवारी अपने दोनों यह हाथ॥
देने वाले श्याम प्रभु से धन और दौलत क्या मांगे।
श्याम प्रभु से मांगे तो फिर नाम और इज्ज़त क्या मांगे।
मेरे जीवन में अब कर दे तू कृपा की बरसात॥
श्याम तेरे चरणों की धूलि धन दौलत से महंगी है।
एक नज़र कृपा की बाबा नाम इज्ज़त से महंगी है।
मेरे दिल की तम्मना यही है, करूँ सेवा तेरी दिन रात॥
झुलस रहें है गम की धुप में, प्यार की छईया कर दे तू।
बिन माझी के नाव चले ना, अब पतवार पकड़ ले तू।
मेरा रास्ता रौशन कर दे, छायी अन्धिआरी रात॥
सुना है हमने शरणागत को अपने गले लगाते हो।
ऐसा हमने क्या माँगा जो देने से घबराते हो।
चाहे जैसे रख बनवारी, बस होती रहे मुलाक़ात॥
भागवत कथा प्रसंग: कुंती ने श्रीकृष्ण से दुख क्यों माँगा? (Kunti Ne Shrikrishna Se Upahar Mein Dukh Kyon Manga)
भजन: तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे (Tera Kisne Kiya Shringar Sanware)
शिव स्तुति: ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं (Shiv Stuti: Om Vande Dev Umapatin Surguru)
जिसको जीवन में मिला सत्संग है (Jisko jivan Main Mila Satsang Hai)
योगिनी एकादशी व्रत कथा! (Yogini Ekadashi Vrat Katha)
श्री गोवर्धन महाराज आरती (Shri Govardhan Maharaj)
श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम् (Shri Hanumat Pancharatnam)
कामदा एकादशी व्रत कथा (Kamada Ekadashi Vrat Katha)
भजन: धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है (Bhajan: Dhara Par Andhera Bahut Chha Raha Hai)
नर से नारायण बन जायें... (Nar Se Narayan Ban Jayen Prabhu Aisa Gyan Hamen Dena)
जन्माष्टमी भजन: नन्द के आनंद भयो (Nand Ke Anand Bhayo)
जगत में कोई ना परमानेंट: भजन (Jagat Me Koi Na Permanent)