अजर और अमर है आत्मा


गीता में कहा गया कि आत्मा अजर और अमर है। आत्मा कभी नहीं मरती है। इसलिए जब आत्मा एक शरीर को त्यागती है तो वो अपने पुराने शरीर के अनुभव और ज्ञान को समेट कर अगले सफर पर, यानी शरीर की तलाश में चल पड़ती है।