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इस श्लोक का अर्थ हैं की व्यक्ति शिक्षा के आरम्भ में, विवाह, यज्ञ आदि संस्कारित तथा धार्मिक कार्यों में जन्म कुंडली तथा जन्म राशि का ही प्रमुख रूप से प्रयोग किया जाता हैं तथा व्यक्ति के जन्म का पूरा वर्णन भी उसकी जन्म कुंडली में मिलता हैं. इसी प्रकार साप्ताहिक या मासिक राशिफल का अपना एक अलग ही महत्व हैं तथा राशिफल जानने के लिए कुछ व्यक्ति अपने नाम से सम्बन्धित राशि का प्रयोग प्रमुख रूप से करते हैं.