निष्कर्ष :


पिछले दशक में भारत न केवल दक्षिण एशिया में बल्कि दुनिया में भी एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरा है। भारत की सफलता में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देश के नागरिकों के बीच समन्वय और मानव पूंजी  (Human Capital) के रूप में ज्ञाता और सरकार के बीच की योजनाओं का रहा है। २०११  की जनगणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या में युवाओं की हिस्सेदारी (१८-३५ वर्ष) लगभग ३४% है। आने वाले दशक में बदलती वैश्विक इक्विटी के बीच विश्व मानचित्र पर एक मजबूत पहचान स्थापित करने के लिए, भारत को अपने नागरिकों के हर वर्ग को अपनी जरूरतों के अनुसार नई सुविधाएं और विकास के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता होगी। ऐसे में २०२१ की जनगणना के आंकड़े पिछले एक दशक में किए गए कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ भविष्य की योजना बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करेंगे। २०२१  में भारत की जनसंख्या लगभग १३,१३९ करोड़ तक पहुंच गई है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या १.२१ अरब या  १२१  करोड़ है।