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इस घटना के बारे में डॉक्टर विशेष यादव का कहना है कि नीम का पेड़ एंटीबाइटिक गुणों से भरा होता है। इसी वजह से नीम के पेड़ से निकलने वाले दूध को पीने से छोटी-छोटी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। लोग इसे अन्धविश्वास की वजह से भगवान का चमत्कार मान रहे हैं। वनस्पति विज्ञान के पूर्व शिक्षक दिनेशकान्त दोषी का मानना है कि किसी पेड़ के तने से तरल पदार्थ निकलने की प्रक्रिया रासायनिक होती है। उनके अनुसार किसी भी पेड़ में दो टिस्यू होते हैं। जिसमें से जायलम का काम पेड़ के जड़ से पत्तियों तक पानी पहुँचाने का तथा फ्लोइम का काम पत्तियों से भोजन जड़ तक पहुँचाने का होता है। पेड़ के कटने या फटने की स्थिति में जायलम की वजह से इस तरह का तरल पदार्थ निकलना स्वाभाविक बात है, इसमें किसी दैवीय चमत्कार की बात नहीं है।