जो कभी नहीं थकता, जो कभी नहीं रुकता, वो नाम है अमिताभ बच्‍चन

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्‍चन का आज (11 अक्‍टूबर) जन्‍मद‍िन है।

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्‍चन का आज (11 अक्‍टूबर) जन्‍मद‍िन है।अमिताभ आज 76 वर्ष के हो गए हैं। अमिताभ बच्‍चन को उनके काम के प्रति भूख ने स‍िनेमा के श‍िखर तक पहुंचाया है। एक नजर उस यात्रा पर-


भारत में स‍िनेमा लगभग 100 साल से अध‍िक पुराना है। इन 100 सालों में बिना ऑड‍ियो वाली फ‍िल्‍में और ऑड‍ियो वाली फ‍िल्‍मों में अब तक हजारों कलाकारों को हमने देखा है। स‍िनेमा जगत में हर रोज नए स‍ितारें आते हैं। इनमें से कुछ एक दो फ‍िल्‍मों के बाद गुमनाम हो जाते हैं और कुछ सदाबहार के फूल की तरह हर मौसम में ख‍िलते रहते हैं। अभ‍िनय, स्‍टाइल, पहनावे के ह‍िसाब से कोई न कोई स‍ितारा किसी न किसी का चहेता होता है लेकिन बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्‍चन इकलौते ऐसे स‍ितारे हैं जिन्‍हें कोई नापसंद करता हो। अमिताभ बच्‍चन ही वो सहाबहार सुपरस्‍टार हैं जो लाखों लोगों की प्रेरणा के स्रोत हैं। अमिताभ बच्‍चन का प्रभाव युवाओं के जीवन में किसी न किसी रूप में जरूर देखने को मिलता है। मेरे व्‍यक्‍तिगत जीवन में भी अमिताभ का प्रभाव है और इसी प्रभाव को जानने के ल‍िए उनकी फ‍िल्‍में कई बार देखीं और उनके बारे में लिखी गई कई किताबों पढ़ीं। अमिताभ बच्‍चन के बारे में लेखक यशवंत व्‍यास की किताब 'अमिताभ का अ' पढ़ी तो पता चला कि ऐसे ही कोई अमिताभ बच्‍चन नहीं बन जाता है। अमिताभ बच्‍चन बनने के ल‍िए पर‍िश्रम करना पड़ता है। अमिताभ बनने के ल‍िए खुद को तपाना पड़ता है। अमिताभ बनने के ल‍िए काम में डूब जाना पड़ता है। अमिताभ बनने के ल‍िए खुद के अंदर हर तरह की एक्‍ट‍िंग करने की क्षमता पैदा करनी होती है। अमिताभ बनने के ल‍िए अपने काम को ही पूजा मानना पड़ता है। तब जाकर कोई शख्‍स महानायक बनता है।