आँसू याद के कितने करीब हैं...
आया ही था ख़याल कि आँखें छलक पड़ीं, आंसू किसी की याद के कितने करीब हैं। इश्क नाकाम सही फिर भी बहुत काम आया, हमने मोहब्बत में ऐसी भी गुज़ारी कई रातें, जब तक आँसू न बहे दिल को आराम न आया।
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आँसू याद के कितने करीब हैं...