8. घटस्थापन के दिन ही जौ, तिल और नवान्न बीजों को बीजनी यानी एक मिट्टी की परात में हरेला भी बोया जाता है, जो कि मां पार्वती यानी शैलपुत्री को अन्नपूर्णास्वरूप पूजने के विधान से जुड़ा है। अष्टमी अथवा नवमी को इसको काटा जाता है। केसर के लेप के बाद सबके सिर पर रखा जाता है।
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